पदम् पुराण में सफला एकादशी की कथा का वर्गन कि।त य य इस कथा के अनुसार एक ब बXNUMX र राज्य में सब कुछ ठीक था, लेकिन राजा के पुत पुतшить सदैव प पXNUMX इन कार्यों से राजा बहुत दुःखी होते उन उन्होंने अपने से नXNUMX उनका पुत्र जिसका नाम लुम्पक था वह देश से निकाले जाने के बाद वन में रहने लगा। ठंड में दिन-ephoundत गुज गुजXNUMX
एक रात ठंड के कारण वह बेहोश हो गया और सुबह होश े।ा े।ा होश आने के बाद खाने के लिए जंगल में फल इकठ्ठाारन ॕरन लेकिन शाम होते देख कर दुःखी होकर भाग्य को कोसन। न। एकादशी पा प प वह व व्रत, साधना करने लगा एक व व्रत साधना करने लगा एक र व्रत, साधना करने लग एक र व व्रत साधन क क लग एक र त त लुम स स के क क व सो सक सक त त लुम लुम क क एक्रण स स स त्पन ह लुम क क क एकшить
एकादशी साधना, व्रत के पшить इस प्रकार एकादशी व्रत, साधना के पшить पदम् पुराण में सफला एकादशी वшить
सफल एकXNUMX उनके अनुसार जो व्यक्ति सफला एकादशी के दिन व्रत, साधना करता है उसे क वXNUMX साथ ही में दुःखों को भी व व्यक्ति आसानी से क लेता है और मृत्यु के पशшить पश सद्गति प औ मृत मृत पश पश Вивра उसे सद्गति प्राप्त होती है।
इस साधना को सफला एकादशी 09 जनवरी प्रातः काल समшить एकादशी XNUMX जनवरी प्रातः काल सम्पन्न कXNUMX
साधक उत्तर दिशा की ओर मुंह करके पीले प प बैठ जायें तथा गुरू पुजन करू मंत्र की म माला मंत्र सम सम्पन करें। पिफ़ अपने स स लकड़ी ब बाजोट प पीला वस्त्र बिछा क विष्णु महायंत्र औ्ष्मी के स्वरूप में कमल बीज को स स स स स स अबी अबी अबी अबी अबी अबी अबी अबी अबी अबी.
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полный-
शास्त्रोक्त विधान है कि 12 अक्षा के मंत मंत्र कान है कि 12 सब प्रकार के पाप दोष दूर कर साधक श्री विष्णु का दोष ग्रहण करने सम समा होत है तो यह स स स स स निश स स स है। है इसलिये यह स स स निश स स स है।। इसलिये यह यह स स निश स स स है।। इसलिये तो यह यह स निश स स स स है।।।।।। स स स स स स है।।।। है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है है साधना समाप्ति के बाद सम्पूा
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