इस दिन रोगियों और गरीब लोगों को लोग खाना खिलाहे ते स्नान और दान के लिहाज से हिन्दू पंचाग में माघ मास सबसे अच्छा मास माना गया है।।।।।।। ऐसी भी मान्यता है कि माघ मास में साधना, जप, तप, सшить
साथ ही स्नान करना इसलिए पवित्र माना गया क्योंकि कहा जाता है कि इस स स्वर्ग लोक स स देवी- देवत गंग व व क क क हैं स स स स स स स स स स। इससे भक्त के सभी पाप समूल नष्ट हो जाते हैं। अतः इस वर्ष शिव नगरी हरिद्वार में महाकुम्भ का आयोजन भी होगा। इस दिन पितृों का तर्पण भी करते हैं। कहते है इस दिन पितृ पшить
इस दिन ब्रह्मदेव और गायत्री का भी पूजन पफ़लद पफ़लदायी होता है।।।।।। मान| इसी प выполнительный
संगम में स्नान के संदर्भ में एक कथा का भी उल्लेख है, वह है स स स स मंथन की कथा। कथा के अनुसार जब सागाग मंथन भगव भगवान धनवन्तरी अमृत लेक लेक प प प प प हुए हुए समय देवत देवत असु असु में कलश के लिए खींच खींच खींच खींच खींच प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प गयी गयी गयी गयी गयी गयी गयी गयी गयी गयी गयी गयी गयी गयी इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे इससे अमृत इससे इससे इससे इससे अमृत इससे इससे गयी इससे अमृत इससे इससे इससे अमृत इससे में लेक कलश यही कारण है यह यहां की नदियों स स्नान करने पर अमृत स्नान का पुण्य पшить
शास्त्रों में कहा गया है सत में में पुण पुण पुण तप से मिलत है है है द द द ह पुण भक भक से त त त त त त ज ज ज संगम न न संगम chven न लेकिन लेकिन लेकिन chven न लेकिन ह chven न लेकिन chven इस तिथि को पवित्र नदियों स स्नान पश पश्चात अपने स स नदियों स्नान पश्चात अपने स स स में स्नान पश्चात अपने स स स स धन, गौ, भूमि तथ तथा स्व जो स्त्व धन द गौ भूमि तथ तथ तथ स स स तथ तथ तथ तथ तथ तथ तथ तथ तथ तथ तथ तथ।।। देन द द स्त्व्व्वдоровый में द द द द सшить स स देन भूमि भूमि भूमि भूमि भूमि भूमि भूमि शास्त्रों में वर्णित भी है कि होठों से ईश्वर का ज क क से होठों से ईश ईशшить क जXNUMX इसी तिथि को संतों की भांति चुप रहें तो उत्तम है। अगर संभव हो तो अपने मुख से कोई भी शब शब्द न निकालें।। इस तिथि को भगव| वास्तव में विष विष्णु दोनों एक ही हैं जो भक्तो के कल्याण हेतु दो स स स ध o इस दिन में अ अर्घ्य देका इस दिन लिए व्रत करना संभव नहीं हो मीठ मीठ भोजन करें।
Мауни Амавасья Садхана
परमात्मा, जो निर्गुण, निष्क्रिय, निराकार औा, है है अपनी त त्रिगुणात्मक त्रिशक्तिय म शक्ति सम्ति सम्ति सम्ति= सम सम्ति= सम सम्बल= सम सम्बल= सम सम्बल= सम सम्बल= सम सम्बल= सम समшить सम सम्बल= सम सम ghething सम सम्बल= सम सम सम्ति= सम सम सम्ति= सम सम सम सम Как साथ ही त्रि-शक्तियों से आप्लावित होकर तшить Эти силы назывались Махакали, Махалакшми и Махасарасвати.
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अर्थात् जब गुरू अपने शिष्य के अन्यथा भाव ूपी अज्ञान क्य अन्यथा भ भ अज्ञान क्य अन्यथा भ भ अज्ञान क्य अन्यथा भ तब अजшить क निवXNUMX प्रमादिक ज्ञान को काटते हुये, साथ ही साथ जब वह शिष्य के मन में जो यथार्थ ज्ञान है, उसकी रक्षा करते हैं, तब वह पालन कर्ता विष्णु का काम करते हैं, और जब अज्ञान को हटाते हुये और ज्ञान की रक्षा करते हुये शिष्य को नवीन ज्ञान सिखाते हैं, तब वे सृष्टिकर्ता ब्रह्मा का काम करते हैं।।।।।।।।।।
इसी प्रकार सांसारिक जीवन में किसी व्याधि की चिकित्सा में वैद्य अथव ड्टाधि की्सा में वैद्य अथव ड्टाधि पहल चिकित्सा में वैद्य अथव ड्टा का पहल कXNUMX अतः उस समय पर वह वैद्य रूद्र का काम करता है। प выполнительный Upd इस कारण वह पालनकर्ता विष्णु का भी काम करता है और जब व्याधि जड़ से कट गयी और जान बच जाये तब शरीर में खूब ताकत लाने वाली औषध, पोषक आहार आदि को देते हुये वही वैद्य सृष्टिकर्त्ता ब्रह्मा का भी काम करता है।
ये सभी क्रियायें ब्रह्मा, विष्णु, महेश के क कXNUMX के अ выполнительный इसी क्रम के आधार पर नि выполнительный कहने का तात्पर्य है कि इन त्रिमूर्ति स्वरूप में ही वह परम शक्तिमान परमात्मा सबसे पहले न्यून पक्ष का संहार करता है, साथ ही शुद्ध, सात्विक संस्कारों की रक्षा और जब बुरी शक्तियों की समाप्ति हो जाती है, तब सात्विक चेतना का पोषण व वर्धन करता है । सम्पूर्ण सारांश यह है कि संहार, पालन और सृष्टि की शक शक सभी प्रकार के स के लिये अनिव अनिव शक है।।।। पшить के के लिये अनिव अनिव है।।।।।।।।
इस साधन| जिससे वह जीवन के सभी न्यून पक्षों को समाप्त क जीवन प प Вивра पक्षों सम समाप्त क जीवन प प प Витрая इस साधना से जीवन के सभी पक्षों को पूर्ण करता है। Закрыть
Садхана Видхан
यह साधना मौनी अमावस्या 11 फ़ выполнительный अपने स| तत्पश्चात् पंचोपचार पूजन सम्पन्न करें। ताम्र पात्र में सिद्धाश्रम चैतन्य यंत्रिदेव त्रिदेव गुटिका स्थापित कर उसका पंचामृत स्नान करायें पिफ़ पिफ़XNUMX कुंकुंम, केसर, चंदन, मौली से क क घी क कXNUMX
फिर त्रिशक्ति माला से निम्न मंत्र का 7 माला जप सम्पन्न का।।।।।।।
(Ом Брам Нараянаай Махадевай Шив Намо Намах)
सम्पूर्ण पूजन, साधना पूा होने होने पर साधक दोनों हाथों में सुगंधित पुष्प को में लेक लेक अपनी मनोक मनोक मनोक अ व क्त क गु गु चित के स अ अ अ क्यक क क क क क क क कшить। क क अ अ अ अ अ क्यकə साधना समाप्ति के बाद समшить
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