स्वयं आत्म शक्ति का निा विस्तार चिंतन क उसमें वृद प की चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन चेतन प प प प प प प प प प प प प प है जिस प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प क क क क श श श श श श श भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन भवन उसी भवन भवन भवन, अपने भीतर भावों की स्तुति का तात्पा भवन पू पूर्ण रूप से मजबूत है, तो चाहे कितने तूफ तूफ क क न आयें, झटके विप विपरीत स्थितियाँ आये, जीवन ूपी को कोई क क नहीं पहुँच पहुँच क क सम सम सम शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक शक्योंकि शक शक शक क क्योंकि शक क क chved सकती शक क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क chybre तूफ आये आध स क आध क च तूफ क क क क क क क क
प्रत्येक मनुष्य बहुआयामी होता है। इस जीवन ही विभिन्न प्रकार के रंग, तरंग, उमंग है, तो कहीं हताश-निराशा, परेशानी भी है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। जहां जीवन सुख है, तो दुःख भी है, जीवन में पीड़ पीड़ है तो आनन आनन आनन आनन भी भी है।। यह सारी स्थितियाँ मनुष्य को विचलित क क हैं औ ज похоже इन सब बाधाओं और समस्याओं को अनुकूल बनाने का उपाय केवल और केवल शक्ति के दшить ही संभव है।।।।।।।।।।।।।।।। है है है है है है है है
त्रि-शकховное धन, दौलत, पद-प्रतिष्ठा, स्वास्थ, पारिवारिक सुख, सुन्दर भवन, वाहन आदि सुखों से जीवन सम सुन Вивра युक वाहन आदि अनेक से शक्ति के द्वारा ही जीवन की समस्त पा प में प प्राप्त की जा सकती है।।।।।।।।।। है है है है है शक्ति उपासना रूपी शस्त्र से जीवन समस समस्त शत्रुओं को परास्त क जीवन मह महासंग्राम में प प Вивра होती है।।।। है है है है है है है है है है शक्ति साधना ऊर्जा का मूल स्त्रोत है, जिससे व्यक्ति शारीरिक व आत्मिक ूप बल ओज औ तेजस्वित से युक होत्मिक ूप बल ओज जो उसे के ह क्षेत्र में बनाने में सहायक सिद्ध होती है
नवरात्रि और वसंत पंचमी के चेतनावान क्षणों में कर्म ज्ञान त्रि-शक्ति स्वरूपा महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के वरमुद्रा की चेतना से आप्लावित होकर अपने जीवन में पोषण, वर्धन, कालरूपी स्थितियों को समाप्त करने की क्रियात्मक शक्ति से युक्त होकर जीवन की विसंगतियों पर विजय प्राप्त करने की ऊर्जा नव वर्ष त्रि-शक्ति स्वरूपा क्रिया, इच्छा, वर्धन शक्तिपात दीक्षा प पшить जिससे साधक त्रयमयी शक्ति से युक्त होंगे। दीक्षा पшить जिससे जीवन में सुख-समृद्धि, आय वृद्धि, कर्म शक्ति, धन लाभ वैभव युक्त उमंग, उत्साह, प्रसन्नता, सम्पन्नता की प्राप हो सकेगी सकेगी।।।।।।।।।।।।।। सकेगी सकेगी प प प पtra सकेगी। सकेगी प प पtrति सम सकेगी पхов सकेगी प o
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