तुम्हें अपने जीवन में रूकना ही नहीं है, तुम्हे ं अपने जीवन में एक क्षण भी विचार नहीं करना है, क् Закрыть डंडी बहुत लम्बी है, हिमालय से पूरी समुद्र तक की यात्र, जीवन में धीरे-धीरे चलने से समुद्र नहीं मिल सकेगा, क्योंकि नदी धीरे-धीर े चलेगी तो बीच में ही सूख जायेगी।
Этот путь не твой, ты идешь ко мне.
बाधायें आज भी तुम्हारें सामने है, मगर इन बाधाओ ं को पार करते हुये तुम्हें बढ़ना है———- और जिस समय तुम मुझमें———– अपने-आप में विसर्जित हो जाओंगे, लीन हो जाओंगे। वही जीवन का लक्ष्य, जीवन का आनन्द और जीवन की चे तना है।
На этот раз вы должны узнать себя в жизни, на этот раз вам не нужно блуждать в сторону пустыни, на этот раз вы должны поразить гору, даже не гору, вы должны поразить Гималаи.
ये चारों तरफ की बाधायें, चारों तरफ की अड़चने, च ारों तरफ की कठिनाइयाँ तुम्हें जीवन में आनन्द प॥ र्रदान करने की ओर अग्रसर नहीं कर रही है, क्योंक ि तुम्हारा मूलभूत चिन्तन, तुम्हारा मूलभूत विचा र, तुम्हारी मूलभूत धारणा वासनामय है—————
यह अपने आप को मौत की ओर अग्रसर करने की क्रिया ह ै। तुम्हें यह क्रिया नहीं करनी है।
दीन-हीन बनना शिष्य बनने की क्रिया नहीं है, दीन- हीन बनकर पिता और पुत्र बनने की क्रिया भी नहीं है, दीन-हीन बनकर जीवनयापन और जीवन में चिन्तन करने की जरूरत भी नहीं है, इस समय तुम्हें अपने पूरे प्र ाणों का विस्फोट करना है और ऐसा विस्फोट करना है जो कि जीवन का एक अद्व ितीय क्षण बन सकें।
जब उछल जाने की क्रिया तुम्हारे जीवन में बनेगी, जब तुम्हारें प्राणों में विस्फोट होगा, जब तुम् हारे प्राणों में चेतना बनेगी, जब तुम्हारे प्रा णों में ऊर्ध्वमुखी बनने की क्रिया बनेगी, तब तुम सही अर्थो में शिष्य बन सकोगे।
इस बार वापस तुम जन्म लेने की क्रिया नहीं करो, इ स बार तुम वापस मल-मूत्र में विसर्जित नहीं होओ, इस बार तुम वापस क्षुद्रता नहीं प्राप्त करों, इस ब ार तुम्हें एक गति प्राप्त करनी है, और यह जीवन तुम ्हारा एक अन्तिम जीवन बने, अपने आप में विमुक्त जीवन बने।
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