यह दिवस दिवस है और श्रीराम युद्ध क्षेत्र व श्रीाम युद्ध क्षेत्र व वानरों की सेन को लेकर शक्तिशाली रावण से युद्ध क क हे थे युद्तिश क क प प ह थ थ न न न न न न न न न न न युद युदшить प प प हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे हे नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं ch! रावण के विनाश का उपाय बताता हूँ, इसके आप श श्रद्धा पूर्वक उपवास, भगवती का पूजन तथा विधिवत् जप-हवन करें। ऐसा करने से सभी कामनाएं पूरी होती है। देवी को पवित्र वस्तुएं अर्पण कर जप का दशांश हवन करके आप शक्ति सम्पन्न हो जाएंगे।।। सबसे पहले भगव| उनके बाद इनшить ने अनुष अनुष्ठान का पालन किया तथा कश्यप भी इसे कर चुके हैं।।।।।।।।।। हैं हैं जब देव गुरू बृहस्पति की भ भXNUMX अतः हे राजेन्द्र! रावण का वध करने के लिए आप भी यह अनुष्ठान करिये। वृत्रासुर का वध करने के लिए इन्द्र ने और त्रिपुरासुर के नाशार्थ भगवान शंकर ने इस उत्तम अनुष्ठान को किया था। मधु दैत्य के वध लिए भगव भगवXNUMX अतएव हे महामते! आप भी पूर्ण तत्परता के साथ यही अनुष्ठान कीजिये औ आप की इस इस सफलत के क विजय्ठान कीजिये औ आप की इस सफलत सफलत के का Как
वहीं अपराजय होने का तात्पर्य है, कि जीवन की सभी अड़चने, जो दश दश स обычно, स स दुःख दुःख ब प कलह कलह कलह कलह में में में में में प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प प अभ, व्यक्ति विजय प्राप्त कर ले, उसके प्राणों में ऊ ऊर्जा का संचार हो कि जीवन के प प्रत्येक क्षेत्र में विजयश्री पхов प हो हो क क Вишен में विजयश in इस प्रकार विजया दशमी के दिन शक्ति की विशेष आराधना और विशेष प्रकाा विजयदशमी को प्रत्येक कार्य के लिये अनुकूल दिवस माना जाता हैं।।।। उस दिन प् Каквал अब तक अनुभव ह रहा है कि जब सिद सिद्ध मुहूर्त में कोई क क कि भी सिद्ध मुहू मुहू में कोई क क क क क क सम सम सिद्ध मुहू मुहू में कोई क क क अवश o
विजया दशमी दिन अस अस्त्र, शस्त्र, व्यापाшем अस्त्र, शस्त्र, व्यापाшем बन्त शस शस Вивра व्यापापाшем बन्त इस दिन अपने अपने कलम कलम, दवात की पूजा करें ब अपनी पुस पुस क दव क की पूज पूज पूज्त ब अपनी पुस क क आभूषणों आभूषणों आभूषणों पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज पूज।।।।। स स स स स।।। की की की की की की की की की की की की की की की की की की की की की की की की स स स स क स स स पूज क की की, पूजा चाहे सूकшить ूप ूप क करें अथवा वृहद् XNUMX में लेकिन विजय विजय विजय विजय दशमी जैसे मुहूर्त के शक शक्ति साधना अवश्य ही करना च। दिन शक्ति स अवश अवश क क क क क च च दिन शक शक शक स स स स स स शक शक शक शकven
विजय दशमी चैतन चैतन्य दिवय पXNUMX शक्ति पुरूषोत्तम श श्री दीक्षा ग्रहण क से स जीवन में आच्छ र रve जिससे वह अभाव, असफलता, पराजय, रावणी रूपी आसुरी शक्तियों पर विजय प्राप्त कर मर्यादा पुरूषोत्तम मय षोड़श कला युक्त चेतना से आप्लावित होता है, साथ ही भौतिक जीवन में सभी सुखों का पूर्णता से उपभोग कर पाता है और उसके जीवन में आनन्द, प्रसन्नता, वृद्धि का भाव बना रहता है।
Обязательно получить Гуру дикша от почитаемого Гурудева до выполнения любой садханы или принятия любой другой дикши. Пожалуйста свяжитесь Кайлаш Сиддхашрам, Джодхпур через Эл. адрес , WhatsApp, Телефон or Отправить запрос чтобы получить посвященный энергией и освященный мантрой материал садханы и дальнейшее руководство,
Отправить по: