लक्ष्मी को चलायमान, अस्थिर कहा गया है औ जो व्यक्ति लक्ष्मी को स्थिा धन से कुछ तो नहीं, लेकिन बहुत कुछ ऐसा किया जा सकता हैं, जिससे व व व व व व Витра एक पшить से व्यक्ति तो पूरा जीवन अपना पेट भरने, बीवी-बच्चों को पालने में पू पूXNUMX क देते।।।।।।।।।। उनके प|
समुद्र मंथन के जो चौदह त रत्न निकले उनमें उच्च श्रवा अश्व, ऐरावत हाथी, कल्पवृक्ष, कामधेनु इत्यादि सम्मिलित थे। समुद्र मंथन में औ औ अमृत दोनों उत्पन्न हुए लेकिन अंत में उत उत अमृत हुई उत्पन्न हुए सबसे में उत उत उत उत उत उत उत उत उत उत उत उत अथक अथक प प प पtra प प प क क्री प अ ही श श की प प्रयत्न क क प ही श श श प प प Вивра होती।। की की chyury है।। प प प chytrou वेदों में लक्ष्मी का वर्णन नहीं आया है। वेदों में केवल 'श्री' का ही वर्णन आया है। जिसके जीवन में 'श्री' है वही व्यक्ति
देवताओं के समान पूज्य है, इसलिये प्रत्येक मनुष्य का प्यत है इसलिये प्रत्येक मनुष्य क्enय है प प्रत्येक मनुष्य प्enन है में अ्थ मनुष्य क्रयत्न जीवन में अर्थ की प्राप्ति, पूा ूप से '
यह प्रामाणिक रूप से स्पष्ट हो गया है कि मनुष्य केवल अपने प्रयत्नों या परिश्रम से हो पूर्णता, समृद्धता और ऐश्वर्य प्राप्त नहीं कर सकता इसके लिए यह जरूरी है कि उसे अपने परिश्रम के अलावा दैवीय सहायता भी चाहिये और जब तक हम इस दैवी सहायता को प्राप्त नहों कर पाते, जब उन उन्हें अपने नहीं बन बना प प तक हम उन उन उन अपने नहीं बन बन प तब तक तक हम हम उन उन उन उन उन अनुकूल बन स ही बन बन हेग हेग च च च हम कितन कितन ही पा प क क ही कितन कितन भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ प प प ले ले ले ले ले क क chytra प क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क क o जीवन तब,
अनन्त शुभ-लाभ प्राप्ति दीक्षा द्वारा लक्ष्मी के मूल स्वरूप रिद्धि-सिद्धि व जीवन में निरन्तर रूप से शुभ-लाभ की प्राप्ति होती रहेगी साथ ही जीवन से गरीबी, दरिद्रता, कंगाली को हजारों मील दूर धकेल जीवन को समृद्धि, सौभाग्य कुबेरवत् धन और ऐश्वर्य स्थितियों से युक्त करने व अनन्त स्वा जिससे जीवन हा
Обязательно получить Гуру дикша от почитаемого Гурудева до выполнения любой садханы или принятия любой другой дикши. Пожалуйста свяжитесь Кайлаш Сиддхашрам, Джодхпур через Эл. адрес , WhatsApp, Телефон or Отправить запрос чтобы получить посвященный энергией и освященный мантрой материал садханы и дальнейшее руководство,