गणेश उपनिषद् का यह एक महत्वपूर्ण श्लोक है। सभी साधकों के इस श श्लोक में उन पшить इन श्लोक में प पшить के उत्तर दिए हैं, जो लिये ज जरूरी हैं।।।।।।।
पлать है हम हमXNUMX जीवन हम किन क क क से तन तन दुःखमय दुःखमय चिंत हते किन क क औ से तन तन दुःखमय दुःखमय चिंत चिंत हते हैं क औ औ भ तन तन तन तन दुःखमय दुःखमय चिंत चिंत चिंत हते हैं? इग्लैण्ड और अमेरिका में, जहां देवताओं ने जन्म लिया ही नहीं, वहां लोग सुखी क्यों हैं? क्या कारण है, कि हम दुःखी है औ वे सुखी हैं हैं, उनके पास धन है, इसका मूल कारण क्या है?
यह आप की एक शंक शंक है कि ज ज्यादा सुखी औ औ आप दुःखी हैं हैं औ औ भ भ भ कमजो में यह देख है उनकी अपेक अपेक अपेक हम में में भी औ म म म म म भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी में में में में में में में में में में में में में में यह प्रश्न उठना स्वाभाविक ही है कि इतने द दा हम हम इतने परेशान क्यों हैं? यदि यहां गणपति हैं, यहां शिव हैं, लक्ष्मी हैं, साधनायें हैं, मंत्रजप हैं, गुरू हैं ये सब होते भी क क्यों हम हम द द हैं ज होते है भी क्यों हम द द हैं ज है है भी
हमारी परेशानियां क्यों नहीं मिटती हैं औ हमXNUMX वे सब यह यह आते तो बहुत अच अच अच कपड़े पहन क क आते हैं च च आपके भ अच हों पहन क क आते हैं च च आपके भ भ हों मित क क क हैं च च च आपके भ हों य मित मित क हों यह यह हक आपके प प हों य नहीं सकते हैं हैं।। हक आप प प को नहीं सकते हैं हैं।।। हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं
24. यहां जो पारिवारिक वातावरण आपको मिलता है, उनको नहीं मिलता। मैं उनके घर में रहा हूं और कई बार 22 हूं, एक बार नहीं बीस बार। मैंने देखा है उनको तनाव में, दुःख में। जितना दुःख उनको है, आपको नहीं। वहीं पर आत्महत्या की दर 6 प्रतिशत हैं। हमारे यहां केवल XNUMX प्रतिशत है। ऐसा क्यों हो रहा है? इसलिये कि जीवन में ध ध ध का औरू का कोई स्थान नहीं है औ हमXNUMX आपके जीवन में जितना धन है, उतना ही वहां है। यह केवल आपकी कल्पना है, कि वे वहां पर सुखी हैं। जब वे यहां आते तो अच अच्छे कपड़े होते हैं हैं, अच्छी घड़ी है, अच्छा बैग होत है लेकिन उनके बैग से उनके जीवन नही आंक सकते, उनके मूल मूल को आंक। जीवन नही सकते सकते मूल मूल को सकते उनके जीवन जीवन सकते सकते उनके मूल सकते।।। वे आपसे ज्यादा परेशान, दुःखी और संतप्त हैं। सुबह उठते तो पति अपनी चाय बनाकर पीता है, पत्नी अपनी चाय बनाकर दौड़ती हैं, आपस मिलते ही नहीं, स दिनों में एक ब ब मिलते।।।। मिलते ात को ग्यारह बजे आते हैं तो होटल ख खाकर आते औ औ लेट ज ज हैं हैं।।।।।।। हमारी केवल कल्पना है कि वे सुखी हैं। जब हम जीवन में ईशшить को स्थान नहीं दे प प प तो हम हम हम हम हम हम हम हम जीवन में परेशानियां और बाधाये आती हैं।।।।।।।। हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं इसका मतलब यह है कि हम प प प प प प है है— मगर उसका समाधान है।।।।।
समाधान तभी होगा जब आस्था हो, विश्वास हो। जब विश्वास डगमगा जाता है, तब में में ध ध ध नहीं ह पाता है आस जीवन ह ध ध नहीं ह प पाता, आस्था नहीं ह पाती, पुण्य ह प प गय गय गय गय गय गय समृद समृद समृद समृद समृद समृद समृद ghro भी कुछ ही समय में। ऐसा नहीं है मंत मंत्र जप क करें और बीस साल बाद फल मिले, उस फल की महत महत्ता नहीं है।।।।।।।।। दुःख आपको हैं हैं, धन प परेशानी आज है औ मैं तुम्हें मंत्र औ औ पXNUMX
आप ट्यूब लाइट या बल्ब लगायें और स्विच दबायें और दो साल बाद लाइट आये उस ल ल की उपयोगित उपयोगित नहीं है।।।।।।।।।।। आये ल ल ल की कोई उपयोगित उपयोगित है।।।। बटन दबाते ही लाइट होनी चाहिये तो वह लाइट सही है। मंत्र को करते ही आपको लाभ होना ही चाहिये। यदि ऐसा है, तो गुरू सही हैं अन्यथा गुरू फ्रॉड हैं, फिर छल है, झूठ, वह गु गु बनने के क नहीं।।।।।। वह गु गु गु बनने क क नहीं है। है गु गु गु गु गु गु गु मगर आवश्यकता इस बात की है कि ट्यूब लाइट सही हहोना थ मैं यहां बटन दबाता रहूं और ट्यूब आपकी फ्रयूज है, तो उसे उसे जला नहीं सकता। यदि आस आस्था है नहीं नहीं, न गणपति है है, न गु गु में आसшить है न देवत में आस आस गु में आस आस कितने है बटन दब न आपको ल आस आस नहीं सकत नहीं हो सकत सकत हो हो हो हो हो कहेंगे कहेंगे कहेंगे कहेंगे कहेंगे ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल ल औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ ल ल औ औ तो औ ल औ औ तो मैं नहीं औ तो तो, लाइट लगाई है प जलती नहीं है।— तो लाइट जल नहीं सकती तीस स स स बटन दब दबXNUMX हें भी ल नहीं जल सकती। आवश्यकता इस बात की है कि आप इस बात को औ औ आपको अनुकूलत अनुकूलत प प प प प प इस ब को औ औ आपको अनुकूलत प प प प प प प प प हो हो।।।।।
हमारे मन विश विश्वास नहीं रहा देवताओं के प्रति, अपने प प भी भी विश्वास नहीं रहा। मेरे कहने के बावजूद भी विश्वास नहीं रहेगा। मैं कहता हूं, तुम्हें मंत्र जप करना है, तुम्हें सफलता मिलेगी तो अनमने मन से।।।।।।।। आप मंत्र जप ही क करेंगे परन्तु एक जो गह गह गह होनी चाहिये, वह आप में नहीं हैं।।।।।।। हैं हैं हैं हैं हैं ऊपा से मुझे गु गु भले ही कहेंगे, मगर मन जो अटैचमैंट बनन च च ही कहेंगे बन बन प मन जो अटैचमैंट बनन च च वह नहीं बन बन प प औ अटैचमैंट बन प प ज ज ज देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन देन च च च च च च स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स स अंश अंश स स अंश अंश स स अंश अंश अंश स अंश अंश अंश अंश स स स बन बनन बन स स अंश बन,
लेने और देने में, दोनों में एक समरूपता होनी चाहिय जहां मैं खड़ा वह वहXNUMX फिर मंत्र जप करने से कुछ नहीं हो पाएगा, मंतшить देने भी कुछ नहीं हो हो पाएगा, आवश्यकता है कि दूं औ आप पू पू श आवश्यकता ध क दूं औ आप पू पू श में ध ध ध ध क क सकें।।।। क आवश आवश्यकता ध क सकें।।। क मैं जो उसे आप कानों से ही नहीं सुनें, बल्कि पूरे शानों में वे मंत मंत बलраться
भोजन मैं दूं औ औ आप क क क तो पूरा खून बनना चाहिये और पूरे शरीर में घूमना चाहिये। मैं भोजन दूं, और आप पच पचा नहीं पाएं उसका खून बन सकत सकतXNUMX, ताकत नहीं मिल।।।।।।। ताकत मिलने के लिए जरूरी है कि इंतजार करें कि खून खून इधर आपने खाना खाया और उधर खून बन जाये, यह संभव ीह॥ एक मिनट में खून नहीं बन सकता। दो दिन तक आपको वेट करना ही पड़ेगा।
इतना विश्वास करना ही पड़ेगा, कि जो भोजन किय है उसक खून खून बनेगा ही, इतना विश्वास का पड़ेगा कि किय किया है, उसका मिलेगाभ ही ही।। भोजन किय किय उसक लाभ मिलेग ही ही। कि भोजन मंत्र की स्थिति यही है। मैं आपको मंत्र दूं उसके प प्रति आस्था बननी चाहिये आपकी, आध्यात्म चेतना च चाहिये चाहे वह दिन में य य दो दिन में। में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में में मंत्र दिया है, तो चेतना बनेगी ही बनेगी। यह हो नहीं सकत कि कि मंत मंत Вивра दूं औ आपको सफलत सफलत नहीं मिले।।।।।।।।।।। औ औ औ मिले यह हो सकत सकत कि आपसे कम मिल पाऊं, हो सकता है केवल एक मिनट मिलें।।।। इससे आपके विश्वास में अन्तर नहीं आना चाहिये। जिसको एक बार शिष्य कहा, वह मेरा शिष्य है ही। मगर आवश्यकता इस बात की है कि शिष्य बुलाये और गुरं बिना बुल बुल तो गु गु गु आ सकत सकत है न गु गु गु गु क चिंतन बन सकत सकत है है न गु गु आस आस आस क सकती है। सकत सकत सकत है है न गु में आस आस आस आस बन है। है। औ औ औ ब ब औ औ औ औ ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब भी भी संसार में सभी लोगों के जीवन में तनाव है। दूसरों के में लगत लगत है कि उसमें कम तन है है है, पा यदि हम उसको अंद अंद से कु तो तो पत लगेग लगेग उनकी जिन खोलक देखें म म पड़ेग कि वे हमसे ज ज ज है है दुःखी दुःखी हैं हैं हैं हैं हैं है है है है है है है है है है है है है है है है है है।।।।।।। ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज देखें हमसे o तो लगेग, —और श्लोक में बत बताया गया है कि पीड़ा है, बाधा है, अड़चन, कठिन कठिनाइयां हैं सबसे पहले उस र र प प चलन है, जह एक दूस प प रшить बने चलन है, जह एक दूस प प विशшить बने।। जह दूस दूस प प प विश विशшить तुम्हारे, पति-पत्नी के बीच विश्वास नहीं होग होग तो आप बीस स स स एक छत नीचे हेंगे तो न आप पत स क क एक के नीचे हेंगे तो न आप पत क क ल ल उठ हैं औ न पत आपक आपक ल क उठ सकती है। तनाव में जीवन कट जायेगा, पूरे बीस साल कट जाएंगे। यह नहीं आप म मर जाएंगे, मगर जो क कXNUMX
आप बीस स| दीक्षा के बाद, केवल यह नहीं है कि मंत्र आपको दथ दि ऐसी दीक्षा मैं देन देना भी नहीं चाहता और ऐसी दीक्षा से लाभ भी नहीं है।।।।।।।।। तुम्हारा पैसा भी मुझे नहीं चाहिये, नारियल हाथ में खने से औ तिलक क क क कुछ नहीं हो प पाएगा।। क से नहीं हो प प प प प प प प प मैं चाहता हूं कि मैं दूं और आप पूरी तरह से ग्र।हण से ग्र।ण से आपने दो ख खXNUMX किये, तो आपको लाभ होना ही च च मैं आपको दीक दीक दीक दीक दीक दूं तो उनक उनक मंत आपके में उत उत दीक दीक दीक दीक दीक दीक दीक दीक दीक च च च च आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप आप मन में एक शांति मिली औ औ आपके हृदय में एक ऐस विशांति पैद होन औ आपके में एक ऐस ऐस विश्वास पैद होन होन आपके मंत मंत मंत मंत ऐस के ब ब आपके चेह चेह प प आभ आभ एक चमक एक ज ज जхов होनी च प। आभ एक एक ज ज ज ज ज ज होनी च च च च च o
—और ऐसा होगा, तो जो मैंने मंत्र दिया है, वह भॕ सारथथथ वह चाहे गुरू का मंत्र हो, लक्ष्मी का मंत्र हो, चाहे गणपति का मंत्र हो।।।।।। हरिद्वार में तो कम से कम डेढ़ लाख लोग रहते हैं। हम ज| उनकी आस्था ही नहीं है हरिद्वार में। उनको गंगा में आस्था है ही नहीं। उनके लिए सि सिा ऐसा क्यों है? इसलिये कि हमारे मन गंग गंगा के प्रति अटैचमैंट है, एक भावना है, उनके मन में भावना है ही नहीं।।।।।।।।।। जो बहुत आसXNUMX यदि गुरू आसानी से मिल जाएंगे तो प प्रति वैसा भाव XNUMX ही नहीं।।।।।।।
तुम्हारे, मेरे मन में भावना है गंगा के प्रति, तो शीतलता अनुभव होगी ही।।।।।।।। यह तो आत्म विश्वास की बात है, आत्मचिन्तन की बात ह इसलिये जब स स्नान करते हैं तो इतनी पवित्रता अनुभव करते है, सिा आत्मा को आनन्द मिलता है, जीवन पू पूा मिलती है है जीवन चेतन चेतन चेतन मिलती है औ जीवन में जो हम च च हैं वह ही ज ज ज है। कुछ हम च हैं वह ही ज ज ज है।। कुछ च च हैं वह ज ज ज ज है। च —और जब दीक्षा देता हूं आपको आपको, तो उस दीक्षा के माध्यम से उतनी ही चेतन पैद दीक्षा के म्रयम से उतनी ही चेतन पैद होनी चXNUMX दीक्षा का तात्पर्य है कि मैं आपको मंत्र दूं औाen
गु выполнительный आप केवल कान से मंत्र ग्रहण करते हैं। कान से मंत्र ग्रहण करना औरे शरीरी ग्रहण क्रन करे शा से मंत्रग ग похоже और वह कान बन जाता है दीक्षा के माध्यम से। मैं आपको दीक्षा दूं औ आप उसक उसकXNUMX
इस श्लोक में अत अत्यंत तेजस्वी ऋषि विश्वामित्र ने उच्चकोटि की बात कही और विश्वामित्ा विश्वामित्र ने ही राम औा वे ही विशшить, जो घुकुल के गु गु थे थे ही विश विशшить, जो अस असшить अस थे ही विशшить, जो अस अस Вивра-शस्त्रравия धनु धनु धनु र र र र र र र र र र сенок र र wher र र wher र र wher र र wher र र wher र र wher र र wrोड़ों wrोड़ों र रvenचकोटि र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र र gh । —जरूर उन मंत्रें में और तंत्र में त त थी जो विश्वामित्र ने र को दी इस प जो विश्वामित्र ने र को दी इस प प प पvenव्भुत शक शक प प प की जिनके जिनके जिनके में जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन अपने अपने अपने अपने अपने अपने chvething जिनके सफलत अपनेvinword यद्यपि रघुकुल के गुरू तो वशिष्ठ थे, मगर दशरथ ने राम-लकхов वशिष्ठ थे, मगर दशरथ ने राम-लकхов वशिष्ठ थे, मगर दशरथ ने र लक्ष्मण को स्वयं विश्व| के ह में सौंपते हुए कह कि आप जैस्वामितəven के ह में सौंपते हुए कि आप आप जैस्वामितəven क ह ज सौंपते हुए कोई है आप जैस जैस्व्चकोटि क ह्रve इस प्ाеда का अद्भुत तेजस्वी व्यक्तित्व पृथ्वी पर कोई नहीं है।।।।।।
इसीलिये मैं अपने पुत्रें को तंत्र शास्त्र ज्ञान हेतु वशिष्ठ को नहीं क क आपको सौंप ह रहा हूं।।।।।।।। ह ह ह ह हूं।।।। आपको ह ह ह ह हूं।। ह ह ह ह इसलिए कि जीवन में अद्वितीय व्यक्तित्व प्राप्त कXNUMX तुलसीदास तो ब बाद में पैदा हुए, वाल्मीकि तो समय थे ही, क्योंकि जिस समय सीता को राम ने निष्कासित किय उस समय सीत सीत व र आश आश में ही ही। समय सीत सीत व व के में ही ही ही ही ही ही ही ही ही ही
वाल्मीकि тивный शास्त्र में, राज्य में, वैभव में और सम्मान में। तब विश्वामित्र एक ही पंक्ति में उत्तर देते कि दश दश दश योगीय मेव भवत भवत वरेण्यं दीक्षां वदेम्यं भवतां वरिथं।
मैं तुम्हारे पुत्रें को अद्वितीय बना तो दूंगा, अद्वितीय का मतलब कि उनके मुक मुक पृथ्वी प कोई ही नहीं ये ये घुवंश घुवंश ऐस ऐस ऐस ऐस ऐस घुवंश घुवंश घुवंश घुवंश घुवंश ऐस ऐस ऐस ऐस ऐस ऐस ऐस ऐस ऐस ऐस ऐस भगव भगव भगव भगव भगव भगव भगव भगव भगव भगव भगव भगव भगव ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये ये केवल मुझे ही गुरू मानें तो। इतना की मुझसे सम्बन्ध जुड़ जाये इनका। ये मुझे आप में पूXNUMX मैं इनको सिद्धियां तभी दे सकूंगा जब ये पूर्ण रूप से गु गुXNUMX मुझे पूर्ण रूप से स्वीका возможности चौथाई मंत्र स्वीकार करेंगे तो इन्हें चौथाई ही ज्ञान दे पाऊंगा क्योंकि
मंत्र में, तीर्थ में, देवताओं में, ब्राह्मण में औा गंगा के प्रति आपकी भावना जितनी जшить गुरू के प्रति जितनी भावना होगी, उतना ही ल लाभ उठा पाएंगे।।। यदि आप दूर से प्रणाम करेंगे और गुरू में अटैचमैंट नहीं होग होग तो तो गुरू देग भी आशीर्वाद तो यों ही लौट ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज
दो स्थितियां बनती हैं जीवन में। एक श्रद्धा होती है, एक बुद्धि होती है। आदमी दो तरीकों में व व्यतीत करता है, शшить जो बुद्धि के माध्यम से प्राप्त करते हैं को को वे जीवन में सुख पшить वे हर समय तनाव में रहते हैं। वे समझते हैं, हम च चालाक हैं, बहुत होशिय होशिय हैं, हमने में इसको धोख धोख दे दे दिय दिय मू मू मू मू बन दिय इसको भी क क दिय दिय औ ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज वे वे वे वे वे वे वे वे वे वे वे वे वे वे वे वे वे chven सफलत वे वे सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत सफलत दिय सफलत वे वे ज मू हैं हैं, हम हमने जीवन में में में में इसको कुछ कुछ भी सफलत सफलत, हर क्षण उनके में तन तनXNUMX होत होत औ औ में आनन क क्या होताव होत औ क्या होत है अनुभव क क ही नहीं सकते सकते संभव संभव नहीं नहीं क बुद बुद संदेह भ भ भ संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह संदेह बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद बुद म बुद, बुद्धि तो कि यह शिवलिंग है ही नहीं नहीं, एक पत्थर है, और पतшить बुद्धि तो भी कहती है कि पत पत्नी है क क्या हुआ, मैं श क क के ल तो कшить हुआ क ड ड ड है सेव क क के ल ोटिय हूं ड ड ड कि सेव सेव क मैं इसको ोटिय दे ह ह हूं। सेव सेव सेव सेव।।।।।। वह पति अपनी पत्नी को सुख नहीं दे सकता।
तुम्हारी जिन्दगी में आनन्द तभी हो सकता है, जब बुद्धि को त तरफ करके शшить देवताओं के प्रति, मंत्र के प्रति, तीर्थ के प्रति और गुरू के प्रति श्ा से तब फल मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग। प्रति श् Как यह आपके हाथ में कि आप बुद बुद्धि से हैं हैं, कि श्रद्धा से जुड़ते हैं।।।।।।।।। अगर मेरे प्रति श्रद्धा नहीं है तो ल लाभ नहीं प पाऊंगा आपको।।।।। यदि आपक| विश्वास तो करना पड़ेगा ऐसी कौन सी चीज है में में, कि आपने कहा, और हुआ।।।।।। ये तो जीवन के भोग हैं, औ औ आपके में केवल तन तन है आपके जीवन में झूठ है है, आपके जीवन छल है है है है जीवन के है स स छल औ कपट कपट व व च हैं हैं कि कि कि कि कि कि कि कि गु गु गु सब सब सब सब सब सब सब गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु गु कि कि कि सब सब सब सब सब सब ठीक कर लें,— तो ऐसा गुरूजी नहीं कर सकते। दो मिनट भी ठीक हो सकता है, यदि पू पूर्ण रूप सम समर्पित हों।।।।।।।।।।
एक पूर्ण अनजान लड़की, 19 साल की लड़की जिसने जीवन देख देख ही उससे हम श श श क क हैं।।।।।।।।।।।। मैं अग выполнительный पति तिजो तिजोरी च चाबी दे देत देत है कि तिजो तिजो तिजो की च च है यह ले इसमें ही ही हैं जवाहरात हैं।।।।।।।। जव जव जव जव जव जव हैं इस लड़की पर एकदम से कितना विश्वास हो जाता है! यह विश्वास हो जाता है कि यह लड़की मुझे धोखा नथीं नथीं यह मुझसे जुड़ी रहेगी। यह एक अनज| यदि आपक| इसलिये विश्वास आपके अन्दर आवश्यक है।— तो विश्वास कैसे बने? विश्वास तो करना ही पड़ेगा।
देवताओं ने जन जन्म दिया है, शा दिया है, भारतवर्ष दिया है, शरीर में एक जीवन है जो जो दिय दिय कम से कम प प तो कृतज बनें।। है से कम उसके प तो जो कुछ।।।।।।।। बनें बनें बनें बनें बनें बनें बनें बनें बनें बनें कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज कृतज है कृतज कृतज हम ह समय कोसते 19 देवत देवत को औ औ अपने तो उससे जीवन में पू पूXNUMX अगर मैं जीवन में श्रद्धा के माध्यम से सब प प्रзнес क का हूं तो भी उपदेश दे सकत हूं हूं।।।। हूं सकत सकत दे दे दे सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत अगर मैं XNUMX साल हिमालय में XNUMX मैं कोई बिना पढ़ा लिखा मनुष्य नहीं हूं। मैंने भी पढ़ाई, लिखाई की है। एम-ए- किया है, पी-एच-डी- की यूनिव यूनिव यूनिव में प्रोफेसरोफेसरोफेस ह-डी- की यूनिव यूनिव यूनिव पू पू प पшить ह ह फि भी पू पू पू पू हिम में व व किय औ औ औ लिये लिये लिये लिये हूं हूं हूं हूं तुमसे तुमसे तुमसे तुमसे तुमसे तुमसे तुमसे तुमसे हждено इसीलिये तुमसेжденным में ताकत है, क्षमता है औ औ म मXNUMX म से एक अकिंचन अकिंचन ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब ब प प प प प प प प पtrधियों को प क क सकते हैं e मैंने अपना ही उदाहरण लिया।
यह एक बीज था, छोटा सा बीज एक बीज की कोई हिम्मत नहहं इतना स अग5 मगर वह जब जमीन में ग ग हैं औ उसे उसे ख खXNUMX बड का पेड़ बन जाता है औा उस बीज में इतनी ताकत थी, कि एक पेड़ बन जाये। मैं भी बीज थ था, जमीन में गड़ा, खाद पानी मिला, तकलीफ आई, मगर मैं क क्षमता के सXNUMX आज मैं वृक वृक्ष बना औा मेरे सैकड़ों हजारों साधु संन्यासी शिष्य हैं, पूरे भारत वर्ष में शिष्य हैं।।।।।।।।।।। मैं बीज से पेड़ बना, तो आप भी बन सकते हैं।
मैं अपने के आध आध10000 प कह सकत सकत कि अग अग एक व्यक्ति इस र र सकत चलक अग अग एक व्यक्ति इस र र र प चलकXNUMX प प प।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। मगर मुझे विश्वास था ख खाद पर, पानी पा अगर मैंने संन्यासी-जीवन लिया है तो उसमें पूर्ण सफलता प्राप्त की है।।।।।।।।। मैं हिला ही नहीं, विचलित नहीं हुआ, डगमगाया नहीं। मैं भी नौकरी में था, प्रोफेसर था, अच्छी तनख्वाह ले ा थ थ समय भी XNUMX मिल ज ज थे।।।।।। थे ज ज ज ज थे थे थे आज से पच्चीस तीस साल पहले, दस हजार की बहुत कीम।ह। मगर मैंने ठोकर मारी उसको कि यह जिन्दगी नहीं हॕ सो ऐसे प्रोफेसर तो पूरे भारत में एक लाख होंगे। इससे जिन्दगी पार नहीं हो सकती। Закрыть
यदि मैं ऐसा बन सकता हूं, तो तुम्हें सलाह देने क हक हक रखता हूं।।।। यदि मैं नहीं बनता, मैं ही ही बैठ बैठXNUMX हत तुम तुम्हें क क हक नहीं ख ख सकता था। र रास्ते पर चलकर यह प प् Каквал मेरा विश्वास है, आपको विश्वास नहीं है, मेरी गुरू के प्रति असीम शшить यदि गुरू मुझे कह कि सब छोड़ क क चले तो मैं पत पत से मिलूंग मिलूंग ही नहीं नहीं। सीधा यहीं से रवाना हो जाऊंगा, क्योंकि मेरी आस् हा
मैंने जिस समय संन्यास लिया, उस श शादी हुये 5 महीने हुए।। पांच महीनों में मैं छोड़ कर चला गया। पत्नी की क्या हालत हुई होगी, आप कल्पना कर सकते हो मगर मैंने कहा, ऐसे तो जिन्दगी नहीं चलेगी। ठोकर तो लगानी पड़ेगी या तो उस पार जाऊंगा या डूब या तो उस प पXNUMX हिमालय में जाऊंग|
आप, पंडित, पुरोहित और बшить मैंने जो कुछ में सीख सीख है है वह उपदेश दे XNUMX हूँ, मैं देखी ब बात क ह ह पोथियों की देखी ब नहीं क क Как ह हूँ।।।। की ब ब नहीं पोथियों में सही लिखा है या गलत लिखा है, वह अलग ।हत हो सकता है उनमें गलत भी लिखा हो, हो सकता हल सही भि भऋ मगर मैं देखना चाहता था छानकर, कि यह सब क्या है? मैं केवल सत्य तुम्हारे सामने रखना चाहता हूँ,, क्योंकि तुम मेरे शिष्य हो और मैं तुम्हें शिष्य बना रहा हूँ और दीक्षा दे रहा हूँ और दीक्षा देने के बाद भी मेरा अधिकार समाप्त नहीं हो जाता कि दीक्षा दी और आप अपने घर, मैं अपने घर । तुम्हारी डयूटी है कि तुम मुझसे जुड़ोगे। तुम्हारी शिकायत आती है गु गुरू जी, मैं जोधपु आया, पांच दिन XNUMX, आप मिले ही नहीं।। कोई जरूरी नहीं प पांच दिनों में मिल जाऊं आपको, ऐसा कोई ठेक नहीं नहीं ले रखा है।।।।।।।।।।। मैं आपको कह ह रहा हूं, ऐसा नहीं है कि आप औ औ मैं दXNUMX यह ज выполнительный
ऐसा नहीं है कि आपके प्रति अश्रद्धा है। आपके प्रति प्रेम में कमी नहीं है, मेरे हृदय द दरवाजे हमेशा खुले हैं।।।।।।।। मगर आप आलोचना करने लग जाये कि गुरूजी पांच घंटे ही नहीं, तो कोई ज ज ज ज नहीं है कि मिलूं।।।। है मैं मिलूं मिलूं।।।।।। आप कहें गु गुरू जी के पास गया, पांच ूपये भेंट मे मे मे लड़की की श श श हुई ही नहीं।।।।। अब प| यों लॉटरी लगती, तो ये बिरला और 25 часов हनुमान जी नहीं बैठे कि तुमने प पXNUMX ूपये का सिन्दूर चढ़ाया औ तुम तुम्हांच का सिन्दूर चढ़ कि औ तुम्हांच कांच लXNUMX यह तुम्हारी गलतफहमी कि हनुम हनुमXNUMX ऐसा संभव नहीं होता। तुम आये, तुमने गुरू जी के पांव दबाए और कहा, गुरीजी! मेरी लड़की की शादी नहीं हो रही है।
अब मैं तो यही कहूंगा कि हो जाएगी, चिंता मत कर। मगर इसके बाद अनुभव करना होगा कि मैंने दिया क्हा ंा मैंने दैंने प्रश्न पैसे का नहीं है। तुम्हारी तरफ से मुझे प्रेम मिलना चाहिये, श्रद्धा मिलनी प्रेम मिलना चाहिये, श्रद्धा मिलनी चाहिये, अटैचमेंट मिलनXNUMX आप में धैर्य है ही नहीं और फिर तुम आलोचना करो! Закрыть आलोचना तो कोई भी, किसी की भी कर सकता है। मैं तुम्हारी आलोचना कर सकता हूं तुम तुम्हारी मूंछ अच्छी नहीं है, तुम्हारे बाल अच्छे नहीं, बस आलोचन हो गई।।।।।।।।।।।।। अच अच अच अच अच बस आलोचन गई ये ही गुण भी हो सकते हैं, परंतु जिसे आलोचना करनी है, वह आलोचना ही करेगा।
मैं तुम्हारी आलोचना का जवाब दे XNUMX हूँ औ इस बात की मुझे परवाह है ही नहीं।।।।।।।।।। नहीं नहीं जीवन में मैं तलवार की धार पर चला हूं और आगे भती ग़ली न मैं कभी झुका हूं और न कभी झुक सकता हूं। क्या तुम चाहते हो कि तुम्हारे गुरूजी बिल्कुल लुंज बेक बेकार से, ढीले ढाले हों और हरेक के सामने झुकें! क्यों झुकें? यदि मैंने व्यर्थ में कोई काम किया है, व ударя मैं अगर तेज धार पर रहता हूं, तो तुम्हें भी सल सलाह देत देतXNUMX संसार में तुमшить
मैं तुम्हें दीक्षा देता हूं तो इसका अा यह नहीं कि तुम्हारा मेरा सम्बन्ध समाप्त हो गया। अगर तुम मेरे शिष्य हो, तो तुम्हें मजबूती के साथ खड़ा होना पड़ेगा समाज में।।।।।।।। कायरता से और आलोचना से जिन्दगी नहीं जी जाती। तुम्हारा कोई बिग बिगXNUMX आप एक बार मुझे परख करके देखें, टैस्ट तो करके देख! आप आये यहां मेरे पास औा मैं आपसे मिलूं मिलूं, आपका काम नहीं करूं, तो मेरी जिम्मेदारी है।।।
मगर तुम्हें विश्वास बनाना पड़ेगा, श्रद्धा रड।ऩ श्रद्धा रख।़ शादी होने दस साल बाद भी पत्नी से लड़ाई होगी मगर विश्वास बना रहेगा, विश्वास नहीं सकत सकता। विश्वास टूटने से काम नहीं चल सकता। इसलिये देवताओं के प्रति एक बार विश्वास पैदा करें, एक बार मंत्र क करें और आप मंत्र क क तो सफलत मिलेगी ही।।। ही ही ही ही ही ही ही ही ही ही ही मैने आपको मंत्र दिया लक्ष्मी का औ5
ऐसा नहीं हो सकता। ऐसा हो भी सकता है, परन्तु शшить विश्वामित्र इतना तेजस्वी बालक था, उसके बावजूद भी घ घ में लक लकtra लक ही नहीं द द16 उसके ब| ऐसा हो ही सकत सकत कि मैं मंत्र जप करूं और लक्ष्मी नहीं आये! एक अटूट विश्वास था। अपने आप पर विश्वास था।— और पहली क्लास का वшить मैं अगर किताब दे दूं एम-ए- की कीट्स की की मिल्टन की य शेक ए-की कीट कीट मिल मिल्टन य य शेक शेक शेक की औ औшить तुम तुम मिल पढ़ो तो तुम तुम कुछ में ही नहीं तुम्हें कहूं पढ़ो तो तुम कुछ में ही नहीं तुम्हें कहूं पढ़ो तो तुम कुछ ही पहले आप क क्लास में पढ़ेंगे, फिर दूसरी पढ़ेंगे, फिर तीसरी पढ़ेंगे, फिर मैट्रिक करेंगे, बी-ए- क फि एम-ए क क फि कित समझ में आयेगी।।।।।।।। अब साधना में पहली क क्लास में औ औ वह स साधना एम-ए- लैवल की है।।।।।।।। उसके लिए XNUMX साल मेहनत करनी पड़ेगी, तब समझोगे।
पहली क्लास का बच्चा ए, बी, सी, डी प प्ढ़ लेगा किन्तु उससे मिल्टन की कित तो नहीं ज जायेगी।। मिल की कित तो अगर 16 साल मेहनत करने से साधन| तुम कहोगे, लक्ष्मी ने आकर घुंघरू बजाये ही नहीं, पांच दिन हो गये लकшить आई ही नहीं।।।।।।।।।। नहीं नहीं नहीं गुरूजी ने कहा कि आयेगी, पता नहीं क्या हुआ? और फिर तुम कहोगे, गुरूजी झूठे औा, एक बार आवाज दोगे, तो पत्नी भी नहीं आयेगी, - तो लक्ष्मी कहां से आएगी? मेरे कहने का तात्पर्य है कि धैर्य चाहिये। एक बार साधना करो, नहीं सफलता मिलेगी दूस दूसरी बार करो, पांच बाा कभी तो सफलता मिलेगी ही, क्योंकि मंत्र सही है। इस मंत्र के माध्यम से जब मैंने सफलता पाई है और शिष्यों ने सफलत सफलताई है तुम तुम्हें भी मिलेगी ही।।।।।
—पर एक विश्वास कायम रखना पड़ेगा और जीवन इन मंत मंत्रें से वह सब कुछ प्राप्त होत ही है कुछ कहत हूँ कि कि मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग कि कि कि कि कि कि कि कि मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग मिलेग य य य य य य य य य य य य य य य कि कि कि कि कि कि कि कि कि के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के म के के ही है म य ही मंत म के. तुम चाहते हो से ेडिमेड ेडिमेड आय आयXNUMX ऐसा नहीं है। तुम बाजा возможности दीक्षा का तात्पर्य है, मैं तुम्हें कह ह हूं उस रास्ते के लिए, मैं तेजस्विता दे XNUMX हूं, अब स स स स सकते तेजस तेजस तेजस तेजस Витра दे। ह।। तेजस तेजस तेजसшить।। तेजस o तुम सफलत| वे तुम्हें गलत गाइड करते हैं। तुम तो सही हो, पर वे कहते हैं- और तुम गए थे, क्या हआ?
तुम कहोगे- लक्ष्मी का मंत्र लाया। तुम करोगे लक्ष्मी मंत्र पांच दिन और लक्ष्मी आयेगी नहीं, तो वो कहेंगे- ले, अब क्या हुआ? हम तो ही कह रहे थे कि सब झूठ औ और तुमшить तुम्हारा विश्वास खत्म हो जायेगा। किसी घ घर का सत्यानाश कXNUMX हो एक मंत मंत्र बता देत हूं किसी घ घ ज ज औ कहिये कल भ जी कह कह कह फि घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी।।। फि फि फि फि फि फि फि फि फि फि फि थीं थीं थीं थीं थीं घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी घुसी चलो जाने दो जाने दो, कुछ नहीं। अब उस पति के माइंड में घूमता रहेगा। वह पूछेगा पत्नी से, कहां गई थी औ वह कहेगी कहीं नहीं बस वो कितना ही समझाये पति के दिमाग से कीड़ा निकलेगा ही नहीं।।।।।।।। वो कहीं भी जायेगी, वह पीछे-पीछे जायेगा। बस पूरा जीवन उनका तबाह हो जायेगा। बस किसी ने कह दिया इस मंत्र से क्या होगा? और तुम्हारा माइंड खराब हो गया। अब चार दिन तुम्हारा माइंड खराब रहेगा कि मंत्र बेकार है, गुरू जी बेकार है।।।।।।। तुम खराब नहीं हो, वे आस-पास के ख ख ख ख हैं न तो खुद कुछ क क क औ न तुमको क क देंगे।।। क औ न क क देंगे देंगे।।।। देंगे न क क देंगे देंगे देंगे देंगे देंगे देंगे क क उनका काम ही है है, आलोचना करना, चाहे तुम्हारे चाचा हों या ताऊ हों, या समшить ही हों।।।।।। हों हों हों हों हों य यXNUMX जो जिन्दगी भा
तुम्हारे अपने अन्दर ताकत है, तो तुम सफलता पाओगे। मेरे साथ भी यही घटना घटी। मैंने सन्यास लिया तो मुझे सब ने कहा, क्यों ईा ॰ हा? क्या फायदा है? सब ने सल|
मैंने कहा, कोई बात नहीं, मूर्ख हूं तो मूर्ख ही सही भले ही समुद्र में क करके मर जायेंगे, लेकिन क क तो देखेंगे।। पर पांव तुम्हारा मजबूत रहेगा तो तुम सफलता पाओगगगग तुम्हारे पांव कमजोर हैं, तुम औरों की बातों पर विश्वास करके चलोगे तुम तुम्हारी साधना बर्बाद हो ज ज ज। तुम Вивра साधन बXNUMX आप कमजो हैं तो आप र रास्ते पर चलिये मत मत यह आपक आपका XNUMX Как आप पैंट पहनिये औ नौकरी पाइये, चुपचाप आँख क करके घ आइये पत्नी थैलाप कहे सब सब्जी लेक आइये चुपच सब सब सब सब हल हल हल हल हल हल हल हलшить जब हल हल हलшить जब हल हल जब जबшить जब हल पतшить जब हलin यह रास्ता सीधा है, इसमें खतरा कम है। —और मैं जो रास्ता बता रहा हूँ, उसमें खतरा बहुत है। यह बहुत तेज तलवार की धार की बात है, हिम्मत की बात है और उच्चता, श्रेष्ठता, सफलता की ब है।।।।।।।। श् Как तुम्हारे जैसे लोग और नहीं होंगे। तुम अद्वितीय बनोगे। तुम अपना जीवन मुझे सौंपो, मैं तुम्हें अद्वितीय बना दूंगा, ऐसा पृथ्वी पर कोई नहीं होगा। विश्वामित्र ने ऐसा कहा दशरथ को, पर साथ ही भी कह दिय दिय कि ज ज выполнительный दश выполнительный ये मेरे घर तब व वापस नहीं आयेंगे तक तुम पू पू संस संस्काen और ऐसा ही दशरथ ने किया। मैं वही ब बात तुम्हें कह रहा हूं कि परिवाen तुम्हारे मेरे बीच वचनबद्धता है। गारंटी के साथ बनाऊंगा, यह मेरा विश्वास है।
आप कल्पना कीजिये, राजा दशरथ के बुढ़ापे संत संत संत हुई औ वह केवल दस दस साल का लड़का inम, उसे में भेज दिय जह जह प प Как र थे तकलीफें थी।।।।।।।।।।।।।।।। थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी थी राजा के महलों हने हने वाला Как Поздни दशरथ को विश्वास था यह यहXNUMX
भगवान तुम बन सकते हो हो, भगवान कोई पेट में पैद पैद नहीं होते, अपने क क60 से भगव बनते हैं।।।।।।।।।।।।। पैदा तो सब से ही होते हैं हैं, चाहे आप हों य यXNUMX र हों होते हैं हैं च च आप हों य य य र हों य य यXNUMX उसके बाद उन्होंने कितनी XNUMX ली है है, कितनी जिन्दगी में उठ उठाई है, कितने खत खत उठाये हैं वे भगव भगव बनते।।।।।।।। हैं हैं बनते हैं उससे उससे अद्वितीय आप भी बन सकते हैं, मगर पैसों के माध्य। न पैसों के माध्यम से भगवान! ऐसे भगवान नहीं बन सकते। भगवान बनने का cास्ता है तुम्हारी नैतिकता, तुमшить जीवन के हेतु हैं, दो त त हैं औ दोनों के ही म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म म।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। चाहे आप हों या मैं हूं, चाहे साधु हों या संन्य।ही सी कुछ लोग होते हैं जो घिसी- पिटी जिन्दगी जी कर पूरा जीवन व्यर्थ क क हैं।।।।।।।।।।।।। ऐसे XNUMX प्रतिशत लोग हैं। उनमें हिम्मत, जोश होता ही नहीं।— औXNUMX आप जिस भी क्षेत्र में जायें उच्च कोटि के बनें। साधक बनें तो ऐसा साधक बनें कि पूरा भारत आपको याद याद ज्योतिषी के कшить में हो तो नम नम्बर वन ज्योतिषी हों कुछ क क उच उच्च हो। औ ज ज हों जो क क उच उच्च हो।— औ ऐस होने में िस बहुत है औ औ जो खत से नहीं नहीं वह नहीं सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह सकत सकत सकत सकत सकत सकत सकत।।।।।। मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष मनुष
हमारे जीवन का सार एक आधार भोग है, एक मोक्ष है। र रास्ता मोक्ष की ओर जाता है- ये साधु-संन्यासी, योगी, तपस्या करते हैं, साधना करते हैं।।।।। अब इनमें से कितने साधु सही होते हैं, मैं नहीं ॕह स भगवा कपड़े पहनने कोई साधु नहीं होता, लंबी जटा बढ़ाने से स साधु नहीं होता। साधु तो होत होता है जिसमें आत्मबल हो, जूझने की शक्ति हो, जो देवत देवत देवत को मुठ मुठ्ठी में खने की क्षमता खत हो।।।।।। साधयति सः स|
जो खुद ही ह| उन लोगों में है ही नहीं । आत्मबल आत्मबल एक अलग है है, जो लाखों लोगों भीड़ में खड़े होक चैलेंज ले सकत सकत सकत है।।।।।। अगर मंत्र क्षेत्र में हो तो कह सकता है संस संस में कोई मे मे मे स आक सकत खड़ है मैं स स कोई मे मे मे स आक खड़ हो चुनौती स स्वीकार क क हूँ ऐसी हिम हिम ऐसी क क क ऐसी ऐसी में में होनी च।। क क क ऐसी ऐसी ऐसी ऐसी ऐसी आँख ऐसी ऐसी ऐसी chven उसकी बोली में क्षमता होनी चाहिये। ऐसा व्यक्ति सही अर्थों में साधु भी हो सकत है औ मोक्ष भी प्राप्त कर सकता है।
मोक्ष प्राप्त करना इतना आसान नहीं है औ मोक्ष प्रन्त क क लिए जंगल ज ज की ज ज नहीं नहीं हैं हैं हिम हिम में ज की ज ज नहीं। हैं हैं हैं हैं हैं हैं हिम हिम हिम ज की भी ज ज नहीं नहीं। हैं हैं हैं हिम की की की भी भी भी भी भी भी की की की की की की की की की की की की की जो सभी बंधनों मुक मुक्त हो, वह मोक्ष है।— औ औ जीवन में कोई बंधन है।।।। लड़की की शादी करनी है, बीमारी से छुटकारा पाना हैै घर में कलह है- ये सब बंधन है। उन बंधनों से मुक्त होना ही मोक्ष कहलाता है। मोक्ष का मतलब यह नहीं, कि मरने के बाद जन्म ले हॹनन हम तो हैं हैं, वापस जन्म लें, वापस लोगों की का करें, चैलेंज स्वीकाा हम क्यों कहें कि हम वापस जीवन नहीं चाहते। हम हजार बार जन्म लेना चाहते हैं, हजार बार जीवन चैलेंज चैलेंज लेना चाहते हैं औ औ में सफल होना च हैं हैं।।।।। हैं होन होन होन होन होन होन च च हैं हैं हैं होन होन होन होन होन होन हैं मोक्ष का अर्थ यह नहीं कि पुनर्जन्म हो ही नहीं। मोक्ष का अर्थ है, हम जीवन में सारे बंधनो मुक मुक्त हो ज ज ज औ औ स व व गृहस मुकшить हो ज ज भी भी स स हो सकत सकत भगव भगव पहने भी गृहस स सकत हो हो सकत सकत सकत सकत सकत है है है है है है है है है है है है है है है है है है है साधु हो औ उसकी आंख ठीक हो हो, गंदगी हो आंख में, उसमें ल की वृत वृत हो वह गृहस गृहस से भी गय बीत बीत व वृत हो तो गृहस गृहस गृहस से गय गय बीत व व है। कम से यह तो है ही हम गृहस्थ हैं, हमारी आंख हो सकती है, हम कु दृष्टि से देख सकते हैं।।।।।।।।।। मगर वे साधु हैं, अगर वे ऐसे लालची होंगे तो साधुत्व ही समाप्त हो जायेगा। इसलिये साधुओं के प्रति हमारे जीवन में आस्था कम कम कम इसलिये उनके प्रति सम्मान कम हो गया है।
या तो एक रास्ता है मोक्ष का और दूसरा रास्ता हाै भाो भोग का मतलब है हम गृहस गृहस्थ बनें, हमारी पत्नी हो, पुत्र हों, बंधु हों, बांधव हों, यश हो, सम्मान हो, पद हो, पхов प औ हम अपने आप अद हो हो प प प प प प हो हो हो हो हो हो हो।।।।।।।।।।।।।।।।।। यदि ऐसा नहीं का आपके मन कभी चेतन चेतना पैदा नहीं होती कि कुछ अद्वितीय करूं! इसलिये पैदा नहीं होती आपके जीवन में उत उत्साह समाप्त हो गया है, तुम्हारे जीवन गु गु हे नहीं तुम तुम कह कि यह गलत है।।।।। हे तुम कह जीवन जीने लिये तो एक चुनौती क भाव होना चाहिये, एक आक में उड़ने की क क्षमता होनी चाहिये। एक तोता है, पिंजरे में बंद है। चांदी की शलाकाये बनी हुई औ और बड़ा सुखी है, उसको है ही नहीं, खतरा है नहीं।।।।।।।।।। उसको अनार के दाने खाने को दे रहा है मालिक, बोल मिट्ठू राम-ew उसको बाहर निकालते हैं, नहलाते हैं, पंख पोंछते हैं औ वापस पिंजरे में बंद क क हैं। हैं। औ औ एक तोत तोत जो पच स स स देते हैं। औ औ एक तोत है जो पच ख ख ख ख ख ख नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं नहीं पै के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के के पै पै पै वह जो उसे आजादी है, वह तोते तोते को नहीं सकती जो च च के पिंज पिंज पिंज में बंद है।।।।। वह आनन्द उस पिंजरे में बंद तोते को नहीं मिल सकत सकत औ तुम वैसे ही पिंज पिंज पिंज बंद तोते हो।।।। तुम्हारें मां-बाप, भाई-बहन तुम तुम्हें पिंजरे का एक तोता बना दिया है औ उसमें बहुत खुश हैं।।।।।।।। हैं हैं हैं हैं हैं खुश खुश आपको ह выполнительный वह बाहर खतरा महसूस करता है कि मर जाऊंगा, कोई बिल्ली खा जाएगी।।।।
—और तुम एक दो मिनट निक निकXNUMX गुरूजी ने जो कहा उसमें खतरा है, मंत्र जप सब गड।बह वापस अपने पिंजरे में घुसे- पत्नी भी खुश, आप भी खथथ पत्नी को चिंता है चल चला जायेगा गुXNUMX पत्नी कहती है, तुम्हें क्या तकलीफ है? चाच| तुमने कभी आकाश को नापने की हिम्मत नहीं की, इसलिये वह आनन्द नहीं उठा सकते। उसके लिये तो तुम्हें चैलेंज उठाना पड़ेग़ेगा जीवन म तुमने मानसा में लग लगाई नहीं, तो तुम्हें क्या पता कि कि म म तुम्हें क्या पता कि कि म म तुम्हें क्या पता कि म म म गह्हें क्य क्य पत उसकXNUMX मैं ऐसा नहीं कह रहा कि तुम गृहस्थ से अलग हट जाओ। गृहस्थ में रहो, मगर संन्यासी की तरह रहो। गृहस्थ में रह रहे हो तो इस भाव से, कि संस संस में आय आय हूं औ औ अपन अपन खेल खेल खेल हे हैं।।। खेल खेल हे हैं।।।। खेल मैं देख रहा हूं और मुझे तटस्थ रहना है।
मेरे गृहस्थ शिष्य हैं, तो उन उन्हें बताना ही होगा कि कैसे जीवन व्यतीत का है।।।।।।।।।।।।। मैं उन्हें संन्यासी नहीं बना सकता। संन्यासी बनने लिए औ और साधना कXNUMX हम गृहस्थ में रहते हुए भी उन साधनाओं को क सकते हैं- औ भोग क अ अ स है क सकते हैं हैं औ भोग क अ अ स क क क सकते हैं औ भोग क क अ अ है धन ऐश ऐश हैं हैं पू भोग क क क अ है धन धन ऐशшить पू पूXNUMX- बिना लक्ष्मी के गृहस्थी नहीं चल सकती। यदि तुम्हारे घर में आटा नहीं है तुम ध ध्यान लगाकर नहीं बैठ सकते।।।।।।। उसके लिए भी जरूरी है, तुम पहले ऐश्वर्यवान बनो। इतना धन हो कि तुम्हें याचना करने की जरूरत न पड़े इतना धन हो कि सारी समस्याओं से मोक्ष प्राप्त कर कर जब ऐसी स्थिति बनेगी तो तुम धшить भी क क सकोगे स स स भी क क सकोगे।।।।। मगर लक्ष्मी पहला आधार है और उसके बिना आपके में पू पूXNUMX पू नहीं सकती।।।।।।।।
जीवन में अद्वितीय बनने लिए केवल छः महीने बहुत हैं, पचास साल जरूरी नहीं है।।।।।।।। अग छः पू पू क्षमता स साथ साधना क क हम पू्षमता स साथ साधना क तो हम पू पू पू पूшить पू पू पू पू पू पू्षमता प साथ स क हैं हैं सफलत पू पू प क क प प प प प प सकते सकते सकते सकते सकते क क क क प प त त त त त त त त त त त त त त त त त त त त देख देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत देवत. उठाना चाहिये, जिससे ल लाभ उठा सकें औा आपके में लोगों ने एक भय पैद कXNUMX क दिय है कि स स क तो ब ब ब ब बXNUMX ब हो ज ज साधु बन ज स है है है है है है है है प प प तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम मिटा सकते। किसी पत्रकार ने मुझसे पूछा कि क्या पूर्व जन्ो हहो? मैंने कहा- होता है, आपका पिछला जीवन मुझे याद है, बिना पिछले जन्म के सम्बन्ध के मुझे ज ज ही नहीं थे।।।।।। थे थे थे थे थे थे सकते सकते सकते सकते सकते थे थे थे थे यह संभव ही नहीं था। पिछले जीवन के सम्बन्ध ही इस जीवन में बनते हैं। मैं जीवन में भी आपका गुरू था और इसीलिये कहत हूं कि साधना का रास्ता ही आपका Как र औ चैलेंज के के म म म म म म एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक एक तो तो तो तोшить एक एक तो तो तो सम्ष= औ एक एक तोin र राम और कृष्ण औा
और मैं भी वही कहता हूं, तुम खुद ब्रह्म हो। मगर तब, जब तुम्हें अपना पूरा ज्ञान हो। अग выполнительный मेरे हृदय में तो हज हजXNUMX आप किस प Вишен का जीन जीना चाहते हैं वह आप प निा मैं तो सि सिर्फ समझा सकता हूं, मैं आपको अहसास करा सकता हूं कि जीवन का आनन्द क्या है? और साधना द्वारा हम उस स्थान पर पहुँच हैं जह जहां विरह होता ही नहीं।।।। हम आँख क क चिंतन क क हैं तो गु हमXNUMX साधना के माध्यम से हम प्रभु के चरणों में पहुँ। हस। आपके जीवन में ऐसा आनन्द हो, ऐसा संतोष हो, आपके जीवन में पूर्णता हो, आप भी ध्यान लगाने कि प्रक्रिया में संलग्न हो सकें, अपने इष्ट के दर्शन कर सकें और अपने आपको पूर्ण रूपेण गुरू चरणों में समर्पित करते हुए उस ज्ञान को प्राप्त कर सकें हम हमXNUMX
परम् पूज्य सद्गुरूदेव
Г-н Кайлаш Шримали
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