अक्षय लक्ष्मी का तात्पर्य हैं- सौभाग्य, समृद्धि, धन-दौलत अच्छी किस्मत, सफलता, सम्पन्नता, प्रियता, लावण्य, आभा, कान्ति तथा राजकीय शक्ति ये सब लक्ष्मी के स्वरूप हैं और इन्हीं गुणों के कारण भगवान विष्णु ने भी लक्ष्मी को अपनी पत्नी बनाया जब इन सब गुणों का समावेश होता है और जो इनको पшить मनुष्य क्या है- आदि पुरूष भगवान विष्णु का अंश, उनकी सृष्टि का एक लघु स्वरूप, फिर क्या कारण है कि उसके पास लक्ष्मी का एक छोटा सा भी स्वरूप नहीं है, यह सत्य है कि लक्ष्मी के ये स्वरूप यदि किसी व्यक्ति के पास हो जाय तो वह पूर्ण पुरूष हो जाता है, यह संभव है।
अक्षय लक्ष्मी तो मंथन अर्थात् प्रयत्प अथक प्रयत्न, गहनतम साधनाओं का वह सुन्दर परिणाम हैं, जो साधक को उसकी साधनाओं के, उसके कार्यों के श्रीफल के रूप में उसे प्राप्त होती है, उस लक्ष्मी को वह अपने पास स्थायी भाव से रख सकता है, आवश्यकता इस बात की कि वह कुछ क क क औ इस कुछ क क के उसके प प क उचित म इस कुछ क क के उसके प प प म उचित उचित म म होनXNUMX
Существует 108 форм Лакшми. ूपये e, धन-धान्य, भवन, वाहन, पत्नी, पुत्र, आयु औ औ आरोग्य सौभाग्य में वृद वृद हो धन वृद वृद र र शक शक хозяй प र र хозяй. दिशा में होन| इनमें से किसी के न होने पर जीवन में कठिनाइयांी तं ी तं परिवार कष्ट से जीवन व्यतीत करता है, अनेक पшить यदि आपके पास धन-धान्य हैं आयु औरोगरोग्य नहीं है, तब भी धन व्या पत्नी, पुत्र के अभाव में जीवन कास्तविक सुख ही नहीं प पायेगा। जब व्यक्ति लक्ष्मी को पूर्ण रूप से प्राप्त क लेतXNUMX ूप पू पू पू प ओXNUMX
व्यक्ति अपने आप क क सकतXNUMX जिसे अक्षय धन लक्ष्मी दीक्षा कहते हैं
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