дефект планеты
इसमें कोई र राय नहीं है ग ग्रहों का प्रभाव मनुष्य तो क्या देवताओं पर भी पड़त है औ देवत भी उन ग ग ग के के प्रभाव सुख औ दुःख ही ग ग।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। ही ही ही ही औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ औ वैज्ञानिकों ने यह सिद सिद्ध कर दिया हैं आक आकाश मण्डल स स्ध क्रहों क प प म म जीवन पड़त पड़त पड़त हैं औ औ उसकी से से म म म को को प कष औ औ औ हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं हैं को को को को को को को को को को विविध विविध विविध विविध विविध को को विविध को को को को को को को को को को को को को को को को विविध विविध विविध विविध विविध विविध विविध विविध विविध विविध विविध को म विविध o नवग्रहों में भी सूर्य, मंगल, राहु और शनि अत्यन्त क्रूा जब भी ग ग्रह का प्रभाव मनुष्य जीवन आत आत हैं उसक उसका घ घXNUMX एक प्रकार से ग गरीब बनकर दर-दर की ठोकरे खाने के लिये मजबू मजबू ज जाता है।।।।।।।।।।।।।
इतिहास गवाह हैं कि जब नल राजा पर शनि का प्रकोप आया तो उसे दमयन्ती जैसी पतिव्रता स्त्री ने अपने पति को त्याग दिया, जब रावण पर शनि का प्रकोप आया तो रावण जैसे उच्चकोटि के तांत्रिक और विद्वान का भी पूरा परिवार बर्बाद हो गया और वह समाप्त हो गय| लिए वनवास के रूप में मजबूर होना पड़ा, पत्नी से बिछोह सहन करना पड़ा, शत्रुओं के हाथों में पत्नी उपेक्षित सी पड़ी रही और एक प्रकार से देखा जाये तो राम का पूरा यौवनकाल उस शनि के प्रभाव से बर्बाद हो गया, जब श्रीकृष्ण पर शनि का प्रभाव आया, तो उन्हें मथुरा राज्य को क करके, सुदूर अंचलों में छुप क выполнительный
ये तो बहुत थोड़े उदाहराण हैं। ऐसे हज हज हज उदाह इतिहास में भ भ पड़े कि जब जब भी व व्यक्ति के में शनि क क प जब-जब व व व व के शनि शनि क क प प आय तब तब व व व ह ह ह हvenही ही ह हvenही ही ह हvenही कvenही ही हvenही हीvenद हीvenद ही हvenद हीvenद ही हvenद ही हvenद ही हीvenद ही हीvenद ही ही हीvenद ही ही हीvenद ही ही ही हीvenद ही ही ही हीvenद ही ही ही हीvenद ही ही ही ही हीvenद ही ही ही ही ही ही हीvenद ही ही ही ही ही ही ही. हुआ, जीवन की श्रेष्ठता और उच्चता को स्पर्शनहीत नहीं इन ग्रहों की शांति के लिये पापमोचनी शनि की साधना एक दुा के औ तुXNUMX
отцовский дефект
आज की इस ब बXNUMX हमारे माता-पिता, बड़ा भाई या अन्य कोई सम्बन्धी जब अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है या मृत्यु के बाद भी उसकी इच्छायें-भावनायें बनी रहती हैं तो वे उन इच्छाओं की पूर्ति के लिये अपने सम्बन्धियों को यातना, दुःख और कष्ट देकर अपनी बात मनवाने का प्रयत्न करते हैं। जीवन पितृदोष की वजह से घ में नि नि नि नि नि नि नि नि नि नि लड़किय लड़किय कहन उपद म म पति य य पत को एक एक एक= प प Ви XNUMX. पwить प पvविघwить प= प प Ви XNUMX.व प Ви XNUMX.व प W विघ पvविघwить प= प प Витый के= प प= प पvenनीwven विघ प= में प प Витым आने= Закрыть इसका मूल कारण पितृदोष ही औ और इसका समाधान भी पापमोचनी शनि साधना से ठीक हो सकता हैं।।।।।।।
дефект болезни
कभी-कभी घ में ऐसी बीम बीमXNUMX घ क जXNUMX घ घ क बीम बीम कोई न न कोई सदस सदस्य बीम बन बन ही हत हत औ क क बड़ बड़ उन लोगों चिकित चिकित हत में व औ ज ज। बजट इलाज कराने पर दो चार दिन अनुकूलत अनुकूलता दिखाई देती है, इसके बाद फिर वैसा ही दृश्य या वैसी स स बन ज है है। दृश्य य वैसी स स बन ज है इस प्ाеда से घ के म म को पत पत पत पत पत को को को को बेटी को, पुतхов को य पोते को प प बेटी को को पुत पुत को पोते पोते को विविध प प बेटी पुत पुत को हैं औ औ बीम विविध प प के दिख भोगने पड़ते हैं औ इन बीम बीम से दिख दिख देत पड़ते हैं औ इन इन इन हैं देत देत देत देत देत देत देत इन इन इन देत देत देत देत देत देत देत देत इन इन इन इन इन इन इन इन इन बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम बीम इसके लिये भी शास्त्रें में पापमोचनी शनि सXNUMX
Папмочани Шани Садхана
ज्योतिष गणना के अनुसार कई वर्षों बाद शनैश्चरी अमावस्या की स्थिति बनती एवं वर्ष में ब ब जयन जयन आती है।। व वर्ष में ब शनि जयन आती है है। है है है है है। व अमावस्या हो तो उपरोक्त समस्याओं के समाधान हेतु पшить जिससे वे जीवन ोग, शोक, दुःख, दारिद्रय, पितृदोष से मुक्ति पा सकें और परिवार में दृष दृष से अनुकूलत आ सके।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
साधना समाग्री-इसके लिये कोई विशेष साधना उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है।।।।।।।।। घर में भी सदस्य हैं, उनके त तांत्रेक्त शनिश्चरी मुद्रिका प्राप्त कर लेनी चाहिये। जो कि तांत्रेक्त दोष निव निवXNUMX
इस दिन канализарный सामने लकड़ी ब बाजोट पर गुरू चित्र स्थापित करें एवं पूजा से सम्बन्धित साधना सामग्री पहले तैय तैयार करके रखें। ।ामग्री से तैय तैयार क Как खें।। सXNUMX एक थ|
सबसे पहले पूजन पूजन-गु पूजन क गु выполнительный
यह साधन| आपके जीवन में शान्तमय एवं अनुकूलता युक्त वातावरण बनाने में समर्थ है है।। आपके चेहरे पर प्रसन्नता, मुस्कान की आभा बिखेरने की अनुकूल साधना हैं।।।।।। इसके बाद थाली में रखी मुद मुदшить इसके बाद हाथ में लेक लेकर संकल्प करें की अमुक गौत गौत अमुक न संकल संकल क क की अमुक गौत गौत गौत अमुक न न के घ का मुखिया, घर के न के सदस सदस सदस दू दू दू दू दू दू दू दू दू दू दू दू दू दू दू ग ग ग ग ग ग ग grोगो ग o ऐसा उच्चारण कर जल जमीन पर छोड़ दें।
इसके बाद पुनः लेक लेक विनियोग क क निम्नलिखित उच्चारण कर जल छोड़ दें।।।।।
присвоение
निम्न उच्चा возможности
फिर हाथ में अक्षत लेकर मुदшить
जिहлать
इसके बाद पापमोचनी शनि माल|
रात्रि को साधना सम्पन्न करने के बाद साधना सम्पन्न करने के बाद साधना सम्पन्न करने के बाद साधना करने वाले साधक/साधिका परिवार के सदस्यों में प प पtrainधक को एक-एक मुदравия ध सदस में प प प प प प प प प प प प प प प प प प प एक मुद मुद मुद मुद मुद chyin ध धin जिससे उसके जीवन में आ रही बाधायें दूर हो सकें।
दूसरे दिन सुबह उठकर साधक को चाहिये कि वह सात कु Закрыть उन्हें भोजन करायें और भोजनोपरान्त उन्हें यसा त म्भव दक्षिणा दें, भोजन में केवल बेसन के लड्डू ही दें, इसके अलावा अन्य किसी प्रकार का भोजन न दें। इस प्रकार यह सम्पूर्ण विधान सम्पन्न करने के ब ाद आपके जीवन में कई प्रकार की समस्याओं, बाधाओं, अ साध्य रोगों की समाप्ति शनैः शनैः होकर अनुकूलत ा प्राप्त होती ही है तथा किसी भी प्रकार की ग्रह ब ाधा, पितृबाधा हो उसका इस साधना से निराकरण होगा ही
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