कालसर्प योग पूर्व जन्म के अक अक्षम्य अपराध का सूचक है।।।।।। जिसके कारण मन चंचलत चंचलता, मृत्यु भय नक नकXNUMX नक नक नक नक नकXNUMX नक नक नक नक से कष कष कष कष संत क घि होन व व उत उत उत उत उत उत उत उत उत अल अल अल अल अल chying wnतम अल अल chying wing अल उत chyture घि उत потеря उत उत chytry उत उत अल व सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी सीढ़ी खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल खेल ch कष संत h कष व नष खेल खेल खेल खेल खेल. कालसर्प योग के कारण निा होती हैं औ औातक को अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ता है।।।।।।। है है है है क क है है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। इसके साथ कालसर्प योग की दशा में जन्म कुण्डली में स्थित शुभ योगों क क फल भी पшить नहीं होत स है शुभ योगों क भी प प Вивра नहीं होत है।।।। इसकी दशा में राजयोग का फल भी नष्ट हो जाता है।
कालसर्प दोष निवारण महामृत्युंजय कवच धारण कर साधक जीवन की इस भीषणतम प выполнительный साथ ही ाहु-केतु के प्रतिकूल होने पर भी प्रगति अव अवरोध उत्पन्न होने वाली स्थितियों से मुक मिलती है।।।।।।।।।।।। है है है है है है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। है है है है मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मुक मिलती मुक मुक मिलती मिलती मुक मुक मुक मिलती
नाग पंचमी के चैतन्य अवसर पर इस कवच को धारण करने से साधक महामृत्युंजय की चैतन्य शक्तियों से आप्लावित होकर जीवन में शारीरिक-मानसिक, पारिवारिक पीड़ाओं का निवारण होता है साथ ही सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य, आरोग्यता, दीर्घायु जीवन, संतान सुख की कामना पूर्ण होती है। यश, सौभाग्य लक्ष्मी व दीXNUMX
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