तुम गु выполнительный संसा вмести तुम्हारा मुंह सिर्फ एक ही तरफ हो सकता है या संस संस की त त यXNUMX सद सकत त तXNUMX गुरू का अXNUMX है, जो तुम्हारी भाषा भली-भांति समझता हो, जो तुम्हारे बीच ही आय आय हो।।।।।।।। से आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय हो आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय आय जिसका अतीत तुम्हा возможности जो प выполнительный
गुरू एक अनुवादक है, एक ट्रांसलेटर वह प प पXNUMX है समझत ट ट उसकी भ वह समझत समझत है वह तुम समझत भी समझत समझत है औ तुम तुम तुम को को को को को को को को को को को को को को को को को को chvin तुम को को को chvinतुम तुम को को को को chvinतुम तुम को भी भी भ भ भ भ भ भ भ को भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी भी वह तुम भी भी= वह प выполнительный ???
एक छोटे पौधे को तो सुरक्षा की जरूरत होती है। बड़े हो जाने पर किसी बाड़ की कोई जरूरत नहीं रहतीी वह तुम्हारे छोटे से पौधे को सम्भालता है। छोटे से पौधे पर तो मेघ भी बरस जाये, तो मौई हो सक।ी ी ी मेघ से भी बचाता है। छोटे पौधे प तो सूरज भी ज्यादा पड़ जाये तो मृत्यु हो सकती है।।।।।। सूरज तो जीवनद| क्योंकि छोटा पौधा उतना ग्रहण करने को, उतना आत्मसात करने को अभी तैयार नहीं है।।।।।।।।।।।।।।
इसीलिये गुरू की यही चेष्टा रहती है, कि वह परमात्मा को तुम्हारे योग्य और तुम्हे परमात्मा के योग्य बना दे, गुरू परमात्मा को थोड़ा रोकता है, थोड़ा ठहरने को कहता है, गुरू परमात्मा से कहता है इतनी जोर से मत बरस जाना कि यह आदमी मिट जाये। और तुम्हे भी गुरू तैयार करता है कि घबराओ मत, थोड़ी प्रतीक्षा करो, जल्दी ही वर्षा होने है।।।।।।। है है है है है है है है को को को को को है है है है है है है है है है है है है है है है को e अगर एक बूंद गिरी है, तो पूरा मेघ भी गिरेगा, घबराओ म तुम्हे तैयार करता है, ज्यादा लेने को, परमात्मा को तैयार करता है, कम देने को और जब तुम्हारे दोनों के बीच एक संतुलन बन जाता है तो गुरू का कार्य पूर्ण हो जाता है और यदि तुम गुरू के साथ सम्बन्ध ना जोड़ पाओ, तो तुम्हारी हालत ऐसी होगी, कि हिन हिन्दी जानते हो, दूसरा आदमी जापानी जानता ज हो दूस दूसXNUMX ज ज तुम हिनानतानत ज हो दूसXNUMX आदमी ज हिन हिन बोलते हो हो दोनों बीच कोई ताल बोलत बनत हिन हिन बोलते हो दोनों बीच कोई त त त त कोई बनत हिन हिन बोलते बोलते हो बीच कोई कोई त त त त त त कोई बनत हिन हिन बोलते बोलते बोलते हो हो हो हो हो हो बोलते बोलते बोलते बोलते बोलते बोलते बनत बनत बनत बनत बनत बनत बनत हिन हिन हिन हिन बनत बनत हिन बनत बनत हिन बनत बनत हिन बनत बनत बनत बनत ज बनत बनत एक आदमी चाहिये, जो जापानी औा पर गुरू की कृपा भी अर्जित करनी होगी। वह भी मुफ्रत नहीं मिल सकती। मुफ्रत कुछ मिलता ही नहीं औ जो लोग मुफ्रत लेने चेष चेष्टा में हैं हैं वे सद सदा भिखारी ह ज ज हैं मुफ मुफ मुफ कुछ नहीं नहीं मिलता औरी गु गु को दे सकते तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम प प chvреди प प chvреди प प प प प प प प प प प प को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को को दे को को को को, जो गुरू को दे औ और मुफ्रत में धर्म, सत्य, परमात्मा मिल नहीं सकते।।।।।।।।।। सकते सकते सकते सकते सकते सकते सकते उसकी नшить न तो ही पड़ेगी पड़ेगी, इसके तुम तुम्हें अपने पू पूरा दांव पर लगाना पड़ेगा, तब ही प प्राप्त कर पाओगे।
कहा जाता है- गुरू तो स्वयं करूणा स्वरूप हैं। लेकिन क का भी प प तब ब ब सकती है, जब तैय तैय हो ज ज तब ब क क है सद तुम तैय गु हो ज लेकिन वह वह खे खे हो सद ही गु क लेकिन तुम तो तो औंधे खे घड़े हो हो वह प प ब ब ब तो तो तो तो भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ भ वह वह वह वह वह वह वह वह वह वह जब मुझे शिवि शिवि में सुनने आते हैं, तो यह यह ज ज हूं कि इसमें तो तो ऐसे हैं, जो उलटे की त त हैं उनमें कितन ऐसे हैं हैं हैं जो घड़े की त त हैं उनमें कितन ज ज ज ज ज ज ज क क क क क क क क क क जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन क क क क क क क क क जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन जमीन कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ कुछ ही ही । कुछ हैं, जो घड़े की त त हैं हैं- मुंह उनका चाहे सीधा भी ड त छू मुंह उनक उनकXNUMX कुछ हैं, जो डांवाडोल घड़े त तरह हैं, कंपित, चंचल, कुछ पड़ता है, कुछ गि गि जाता है, कुछ बचत है पू पू पू भी नहीं बच बच बच प। कुछ बचत है पू पू कभी नहीं बच बच बच बच प प प प। कुछ कुछ पू पू कभी नहीं बच बच बच बच बच प प प प प प प प प। कुछ कुछ कुछ जो हुये हुये, सीधे की त त त हैं हैं, न फूटे है, न हैं हैं, न चंचल हैं।।।। उनमें जितना डालो, उतना तो सुरक्षित होता ही है, उनके होने के क क क उसमें वृद्धि भी होती है।।।।।।।।।।।
गुरू तो कृपाव| तुम्हारे समझने, ना समझने से कृपावान की कृपा में अन अन्तर नहीं आता। कृपा तो बरसती XNUMX, तुम प पाओ तो भी ठीक न समझ प प तो भी भी ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक ठीक इससे गुरू पर कोई फर्क पड़ता नहीं और ना ही पड़ेगाेगाे तुम गुरू को अशшить अश विष, विष दो, कुछ भी अन अन अन अन अन अन फ शनXNUMX जब तुम श श Вишен आ जायेगी, तब कृप कृप की महत्ता समझ पाओगे फि तुम तुम अपने आप आत आत्मग्ल समझ औ औ नेत नेत नेत नेत क क क क क ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे ूकेंगे क क क क क क क क क क क क क क क क क क क तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम तुम ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज ज तुम तुम ज आत आत तुम तुम आत महत, दोष और स्वच्छ होकर पहुंच जाना, अपने गुरू के पास, लेकिन स सtra स स स स स स भी हो हो हो हो पवित लेकिन होक होक पहुंचन पहुंचन से ोते भी हो हो हो हो हो औ औ औ उसी उसी उसी उसी। उसी।।।।।।।।।। उसी उसी उसी उसी उसी उसी उसी औ औ औ औ औ औ भी भी भी भी भी भी भी भी भी स स स स स स स स स स स स स स स स स
एक बार तो तुम आओ! श्रद्धा से सराबोर होकर, फिर तुम क कर पाओगे, कि कृपा क्या होती है।।।।।।।।।।। है है है है है है है है है है है क तुम्हारा यह जो जीवन चल रहा है, वह कृपा की बदौलत चल ह XNUMX है।।।।।।। इसमें कोई संदेह नहीं है। पर तुम हो संदेह लेक लेक संदेह में खतरा है, कि पत नहीं! जिसके साथ जा रहें हैं, वह कहीं ले जायेगा कि भटका द? जिसका हाथ पकड़ा है, वह ह ह पकड़ने योग्य भी है य नहीं नहीं इसक इसक ह ह ह योग योग योग भी य य य नहीं भ भ भ इसक इसक भ सकत सकत सकत औ औ श श कहत है है है है है अनुभव सकत सकत सकत है है है है है है है है है है है है है है है है श श श श श श श श श श श श श श श श श chy बिन है है ch बड़ी असंभव सी कшить है बन्धु यह, इसीलिये अधिकत अधिकत फेल हो जाते हैं।।।।
सारा जीवन संदेह का शिक्षण है। जीवन भर हम संदेह सीखते हैं। अब को ऐस ऐसा प्रतीत होने लग लग कि संदेह ही एकम एकम एकम आत्मver लग लग संदेह ही ही एकम एकम आत आत्मा क सूत है संदेह तो श श श श श श श श श श श श श श श श श श श श श अपने क संदेह संदेह के के के के के के के के के के लिये लिये लिये लिये लिये अपने अपने वin Закрыть क्योंकि तभी तुम्हारा और मेरा प्रयास सफल हैसथहा संदेह में रहोगे तो कुछ भी पाना मुश्किल हो जायेगगग
Закрыть जिन्होंने जीवन का सब XNUMX- Как लिया, सारे प्रपंच कXNUMX लिये बेईम भी क देख ली ली चो चो भी क देख ली औ औ औ मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट मिट बन हुयी बन बन बन बन हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी हुयी में में में जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन जीवन नहीं जीवन जीवन नहीं चो जीवन जीवन नहीं नहीं तुम इसी क्षण सोचो कि तुमने क्या-क्या किवा अपने तज! आत्म चिंतन करना प्ाедав अपने भीत की आँखे खोलो, पहचानो, समझो, फिर छलांग लगा दो गहरे सागर में!
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